“सिर्फ़ इक क़दम उठा था ग़लत राह-ए-शौक़ में, मंज़िल तमाम उम्र मुझे ढूँढती रही” - अब्दुल हमीद अदम

“कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता कहीं ज़मीन तो कहीं आसमान नहीं मिलता” - निदा फ़ाज़ली

“हम को नीचे उतार लेंगे लोग
इश्क़ लटका रहेगा पंखे से” - ज़िया मज़कूर